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आंतरिक शिकायत समिति की बाहरी सदस्य की भूमिका बेहद अहम है क्योंकि बाहरी सदस्य व्यथित महिला को संरक्षण और उसके अधिकारों का संवर्धन करती है तथा निष्पक्ष होकर दबावमुक्त वातावरण में शिकायत समिति के कामकाज को निष्पादित करने का कार्य करती है

शिकायत समिति की बाहरी सदस्य कार्यक्षेत्र को लैंगिक उत्पीड़न मुक्त वातावरण देती है / वह सामाजिक व्यवस्थाओं से लैंगिक भेदभाव वाले मानसिकता को  हटाती है / व्यथित का सहारा बनकर उसका संरक्षण विधि द्वारा प्रदत प्राधिकार के आधार पर करती है

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व्यथित की मजबूरी लैंगिक उत्पीड़न से निपटने के लिए व्यवस्था और कार्यविधियों की कमी के कारण, पीड़ित व्यक्ति यह समझ नहीं पाते कि वह लैंगिक उत्पीड़न की व्यथा के बारे मे किससे बात करें और क्या कार्यवाही करें क्योंकि उसके कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न को रोकने का कोई व्यवहारिक तंत्र नहीं होता है इसलिए पीड़ित पक्ष असहाय होता है मजबूर होता है

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कार्यवाहियों की जानकारी जब पीड़ित पक्ष असहाय और मजबूर होता है ऐसी स्थिति में पीड़ित पक्ष को ऐसे दृढ़ निश्चयी महिला के सहयोग की आवश्यकता होती है जो विशेषकर महिलाओं के पक्ष को विधि सम्मत तरीके से आंतरिक शिकायत समिति के कार्यवाहियों में रखने में उसकी मदद करें इसलिए बाहरी सदस्य से विधि की अपेक्षा होती है की वह आतंरिक शिकायत समिति के कार्यवाही प्रक्रिया से भलीभांति वाकिफ़ हो

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दबाव विहीन होती है आंतरिक शिकायत समिति की बाहरी सदस्य उसके कार्यक्षेत्र को लैंगिक उत्पीड़न मुक्त बनाने के लिए अहम भूमिका निभाती है क्योंकि उसका संबंध नियोक्ता और कर्मचारियों से व्यवहारिक तौर पर होता है परन्तु बाहरी सदस्य का कार्यक्षेत्र के व्यवसायिक गतिविधियों और अन्य प्रशासकीय दायित्वों से कोई वास्ता नहीं होता है इसलिए बाहरी सदस्य दबाव विहीन होती है अतः विधि ने बाहरी सदस्य जैसी निष्पक्ष व्यवस्था आतंरिक शिकायत समिति में की है

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कानून का संरक्षण बाहरी सदस्य को आंतरिक शिकायत समिति के प्राधिकृत प्राधिकारी के रूप में कानून ने मान्यता दी है इसलिए बाहरी सदस्य का महत्व कार्यक्षेत्र की निर्णायक भूमिका वाला होता है उल्लेखनीय है कि, बाहरी सदस्य दबाव से परे रहकर शिकायत समिति के सभी निर्णयों में हस्तक्षेप करने का अधिकार रखती है इसलिए शिकायत समिति के साथ - साथ विधि, शासन और प्रशासन शिकायत समिति की बाहरी सदस्य विशेष महत्त्व देते हैं

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तालमेल बनाती है बाहरी सदस्य कार्यक्षेत्र में नियोक्त, अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच वैचारिक तालमेल बनाए रखने की अहम भूमिका भी निभाती है इसलिय  बाहरी सदस्य को विधि ने यह प्राधिकृत जिम्मेदारी सौपी है की वह प्रतिमाह शिकायत समिति की बैठकों और कार्यशाला आयोजन करके सभी से संपर्क में रहे | इसलिए कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार से उपन्न होने वाली समस्याओं का समाधान हासिल करने के लिए कार्यस्थल के लोग बाहरी सदस्य को महत्व देते है और अपनी समस्याओं और व्यथा को साझा करते है

अवसर है आपके पास आपकी पहचान को सामाजिक महत्त्व वाले स्थान पर स्थापित करने का, इसलिए पहल करिये ! 

कामकाजी महिलाओं को लैंगिक उत्पीडन से बचाने के लिए, आप अपनी  नागरिक  जिम्मेदारी  निभाकर,  आपके  सामाजिक योगदान को सुनिश्चित करवाना चाहती है तो अग्रलिखित प्रश्नों के उत्तर आपको जानना और समझना आवश्यक है :-

छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करवाने के लिए अग्रणी भूमिका निभा रही है

माननीय मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेश बघेल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य की कामकाजी महिलाओं के संरक्षण के लिए... "मेरी भागीदारी" को संदेश देकर मार्गदर्शन दिया है इस लिंक पर है पूरा संदेश 

कैसे बनायेंगी आप अपनी पहचान इस लिंक पर क्लिक करके जानिये

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छत्तीसगढ़ की सशक्त समाजसेवी महिलाओं को जानकारी उपलब्ध करवाने वाले डिजिटल मंच पर प्रकाशित की गई है सारी जानकारी.............. जानिये कैसे आप भी बन सकती है स्कुल, कॉलेज, अस्पताल, उद्योग, शासकीय कार्यालयों जैसे संस्थान के आंतरिक परिवाद समिति की सदस्य ........................................................ पढ़िए और जानिए एक सशक्त महिला होने का अवसर आपके पास भी कैसे है ! ................................... उम्र, शैक्षणिक योग्यता, राजनैतिक पद जैसे विषय आपको अपनी सशक्त प्रशासनिक भूमिका बनाने से रोक नहीं सकते हैं .................................. क्योकि महिलाओं के मुद्दों को दृढ़ता से रखने की सक्षमता रखने वाली महिला को आतंरिक परिवाद समिति का सदस्य बनाया जाता है .... नीचे लिखी है पूरी जानकारी 👇👇👇

  पहल करिये आंतरिक परिवाद समिति का गठन करवाने के लिए पहल करिये यदि आप कामकाजी महिला है तो अपने कार्यालय में इस समिति का गठन करवाईये और यदि कामकाजी महिला नहीं हैं तो अपने आस पास के कार्यस्थलों में आंतरिक परिवाद समिति बनवाने के लिए पहल करिए जानकारी मांगिये आपकी सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करवाना अब आपके हाथों में है क्योंकि महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण , प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम , 2013 आपको यह अधिकार प्रदान करता है की आप जिस भी कार्यक्षेत्र में जायेंगे वहां आपको उस कार्यक्षेत्र की आंतरिक परिवाद समिति का संरक्षण मिले इसलिए सभी कार्यस्थलों से आंतरिक परिवाद समिति गठन की जानकारी मांगिये |   भागीदारी दीजिए जिन कार्यस्थलों के नियोक्ताओं ने स्वविवेक से अपने कार्यस्थल पर आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया है उन कार्यस्थलों के कामकाजी माहौल को गरिमापूर्ण बनाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करिए और इस विषय की जानकारी को साझा करने का माध्यम बनिए । प्रश्न पुछिये ? जिन कार्यस्थलों पर आंतरिक परिवाद समिति का गठन नही किया गया है ऐसे कार्यस्थलों के नियोक्ता...

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