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कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ एक बड़ा कदम

meri bhagidari

विगत दिंनाक २ सितंबर २०२४ को केंद्र सरकार द्वारा महिला सुरक्षा एवं गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए नियम, कानून को सशक्त बनाया गया है और व्यथित महिलाओंको शिकायत दर्ज कराने के लिए SHe Box शी-बॉक्स नामक इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था स्थापित की गई है , जिसका सह–विस्तार विवरण अग्रलिखित है :

 सभी कार्यस्थलों पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करना !

देश में हर एक कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने  केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवीजी  के नेतृत्व में २९ अगस्त २०२४ को आयोजित एक कार्यक्रम में नया शी-बॉक्स पोर्टल लॉन्च किया है। इस केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के पंजीकरण और निगरानी को कारगर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। नई दिल्ली में आयोजित इस लॉन्च कार्यक्रम में मंत्रालय की नई वेबसाइट का भी अनावरण किया गया। इन दोनों से ही सरकार की जनता के साथ डिजिटल सहभागिता बढ़ने की उम्मीद है।

 केंद्रीय मंत्री ने लॉन्च किया शी-बॉक्स पोर्टल


कार्यस्थल पर उत्पीड़न के खिलाफ एक बड़ा कदम

शी-बॉक्स पोर्टल भारत में कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण अंग है। एक केंद्रीकृत संग्रह के रूप में कार्य करते हुए यह पोर्टल सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में गठित आंतरिक समितियों (आईसी) और स्थानीय समितियों (एलसी) के बारे में जानकारी संग्रहीत करेगा। यह महिलाओं को शिकायत दर्ज करने, उसकी स्थिति की निगरानी करने तथा संबंधित प्राधिकारियों द्वारा समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक एकीकृत प्लेटफॉर्म है।

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श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने अपने भाषण में पोर्टल के महत्व पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि यह पोर्टल महिलाओं को कार्यस्थल पर उत्पीड़न से निपटने के लिए अधिक कुशल और सुरक्षित तरीका प्रदान करेगा। श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा, "यह पहल संपूर्ण भारत में महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षित और समावेशी कार्य वातावरण बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाती है।" केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया है  कि पोर्टल को शिकायतकर्ताओं की गोपनीयता की रक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यक्तिगत जानकारी गोपनीय रहे।

कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना

भारत अपनी स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 की ओर बढ़ रहा है, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर महत्वपूर्ण जोर दिया है। समावेशी आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए सरकार ने एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है जो महिलाओं को कार्यबल में सफल होने में सक्षम बनाता है। इस प्रयास की आधारशिला है, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013, जिसका उद्देश्य महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाना और उनकी शिकायतों का समाधान करना है।

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हाल ही में लॉन्च किया गयायह  शी-बॉक्स पोर्टल इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। अब यह सुनिश्चित करता है कि शिकायतें न केवल दर्ज ही  की जाएं बल्कि सक्रिय रूप से उनकी निगरानी भी की जाए, जिससे कार्यस्थल पर उत्पीड़न से निपटने के लिए एक मजबूत ढांचा उपलब्ध हो जाए 

 मंत्रालय की नई वेबसाइट

शी-बॉक्स पोर्टल के व्यतिरिक्त , महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक और नई विकसित वेबसाइट भी लॉन्च की है। यह वेबसाइट डिजिटल प्लेटफॉर्म पर क्रमबद्ध दृश्य पहचान बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे वेबसाइट पर राष्ट्रीय और वैश्विक विजिट करने वालों दर्शकों के साथ सरकार की भी  सहभागिता बढ़ेगी। जैसे-जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म नागरिकों के लिए संपर्क का प्राथमिक बिंदु बनते जा रहे हैं, नई वेबसाइट से एक मजबूत और महत्वपूर्ण ऑनलाइन भूमिका निभाने की उम्मीद है।

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 डिजिटल नवाचार के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना

शी-बॉक्स पोर्टल का शुभारंभ डिजिटल नवाचार के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है। यौन उत्पीड़न संबंधित शिकायतों के पंजीकरण के लिए सिंगल विंडो पहुंच प्रदान करके, उम्मीद है कि इस पोर्टल से देश भर की महिलाओं के लिए प्रक्रिया देना काफी आसान हो जाएगा, चाहे उनकी कार्य स्थिति या वे जिस भी क्षेत्र से संबंधित हों। शी-बॉक्स सभी महिलाओं के लिए सुलभ है, चाहे वे संगठित या असंगठित क्षेत्रों में काम करती हों, सार्वजनिक या निजी संगठनों में काम करती हों या फिर घरेलू कामगार के रूप में काम करती हों।

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पोर्टल में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 से संबंधित संसाधनों का संग्रह भी शामिल है, जिसमें पुस्तिकाएं, प्रशिक्षण मॉड्यूल और परामर्शी दस्तावेज शामिल हैं। ये संसाधन हिंदी और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध हैं और इन्हें निःशुल्क प्राप्त या डाउनलोड किया जा सकता है। पोर्टल में अधिनियम और इसके प्रावधानों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से वीडियो भी शामिल हैं।

सार

शी-बॉक्स पोर्टल का शुभारंभ भारत में महिलाओं के लिए सुरक्षित और अधिक न्यायसंगत कार्य वातावरण बनाने के सरकार के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। डिजिटल प्रौद्योगिकी को कानूनी तंत्र के साथ एकीकृत करके पोर्टल यह सुनिश्चित करता है कि महिलाओं के पास कार्यस्थल पर उत्पीड़न से निपटने के लिए एक विश्वसनीय और सुरक्षित मंच हो। मंत्रालय की नई वेबसाइट के साथ यह पहल, 2047 में भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष की ओर बढ़ते कदम के साथ सभी महिलाओं के लिए समावेशी और सहायक वातावरण को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

 संदर्भ

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2049765

https://shebox.wcd.gov.in/about

https://shebox.wcd.gov.in/assets/usermanual/SheBoxUsermanual_DNO_Registration.pdf

https://x.com/MinistryWCD/status/940906670296670210/photo/2

https://x.com/MinistryWCD/status/1829174669792162018

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संतोष कुमार /शीतल अंगराल/ मदीहा इक़बाल(Backgrounder ID: 152079) आगंतुक पटल : 3 02 SEP 2024

 

 

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  पहल करिये आंतरिक परिवाद समिति का गठन करवाने के लिए पहल करिये यदि आप कामकाजी महिला है तो अपने कार्यालय में इस समिति का गठन करवाईये और यदि कामकाजी महिला नहीं हैं तो अपने आस पास के कार्यस्थलों में आंतरिक परिवाद समिति बनवाने के लिए पहल करिए जानकारी मांगिये आपकी सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करवाना अब आपके हाथों में है क्योंकि महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण , प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम , 2013 आपको यह अधिकार प्रदान करता है की आप जिस भी कार्यक्षेत्र में जायेंगे वहां आपको उस कार्यक्षेत्र की आंतरिक परिवाद समिति का संरक्षण मिले इसलिए सभी कार्यस्थलों से आंतरिक परिवाद समिति गठन की जानकारी मांगिये |   भागीदारी दीजिए जिन कार्यस्थलों के नियोक्ताओं ने स्वविवेक से अपने कार्यस्थल पर आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया है उन कार्यस्थलों के कामकाजी माहौल को गरिमापूर्ण बनाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करिए और इस विषय की जानकारी को साझा करने का माध्यम बनिए । प्रश्न पुछिये ? जिन कार्यस्थलों पर आंतरिक परिवाद समिति का गठन नही किया गया है ऐसे कार्यस्थलों के नियोक्ता...

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