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“मिशन उत्कर्ष”- किशोरियों के लिए आयुर्वेदिक पोषण - किशोरियों में पोषण सुधार करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और आयुष मंत्रालय ने मिलकर आज एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया इसके माध्यम से 94,000 से ज्यादा किशोरियां लाभान्वित होंगी

 meri bhagidari

किशोरियों के लिए आयुर्वेदिक पोषण

“मिशन उत्कर्ष”- आयुष मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इन दोनों  ने मिलकर आज नई दिल्ली में  किशोरियों में पोषण सुधार करने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया और इसके माध्यम से “मिशन उत्कर्ष” के अंतर्गत 5 आकांक्षी जिलों को शामिल किया जाएगा और इससे९४,000 से ज्यादा किशोरियां लाभान्वित होंगी \

  किशोरियों में व्याप्त एनीमिया को नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेदिक मध्यवर्तनों के माध्यम से परियोजना का कार्यान्वयन करने हेतु आयुष मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय   के बीच एक समझौता ज्ञापन पर आज हस्ताक्षर किया गया जिसमे महिला एवं बाल विकास मंत्री, श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने घोषणा की कि मंत्रालय किशोरियों में पीसीओडी में प्रभावी मध्यवर्तन करने के लिए आईसीएमआर औरआयुष मंत्रालय  इनके साथ एक संयुक्त अभियान चलाएगा

आयुष मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय  इन दोनों ने किशोरियों के पोषण में सुधार करने के लिए सहयोग पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन आज नई दिल्ली में (26 फरवरी, 2024) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में किया। श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन, ​​जलमार्ग और आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर इसकी शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर, आयुष मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बीच 'मिशन उत्कर्ष' के अंतर्गत५  जिलों में आयुर्वेदिक मध्यवर्तन के माध्यम से किशोरियों में एनीमिया को नियंत्रित करने के लिए एक परियोजना को लागू करने के लिए यह पर एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किया गया।

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केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, श्रीमती स्मृति जुबिन इरानीजी  ने आज इस आयोजन में कहा कि उनका मंत्रालय किशोरियों के बीच पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजिज ( पीसीओडी ) में योग जैसा प्रभावी मध्यवर्तन करने के लिए आईसीएमआर और आयुष मंत्रालय  इनके साथ एक संयुक्त अभियान चलाएगा। केंद्रीय मंत्री ने यहापर आशा व्यक्त की कि भारत न्यूनतम प्रतिकूल प्रभावों को बेहतर ईलाज प्रदान करने के लिए लागत प्रभावी और स्वादिष्ट आयुष दवाएं देते हुए एनीमिया की रोकथाम करने के लिए एक नेतृत्व प्रदान कर सकता है। केंद्रीय मंत्री ने पोषण (पोषण अभियान) की समस्या का समाधान करने के लिए देश के १८  मंत्रालयों को एक साथ आने पर भी प्रकाश डाला ,उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आईसीएमआर द्वारा पहली बार आयुष मध्यवर्तन का मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक सकारात्मक परिणाम इस मध्यवर्तन को पूरे देश वविदेश में शुरू करने की अनुमति प्रदान करेगा। इसका मूल्यांकन एम्स जैसे भारत देश के सर्वोच्च चिकित्सा संस्थानों द्वारा किया जा रहा है जो इस अध्ययन को उत्कृष्ट विश्वसनीयता प्रदान करते हैं।

 “एनीमिया मुक्त भारत”- केंद्रीय आयुष मंत्री, श्री सर्बानंद सोनोवालजी  ने “एनीमिया मुक्त भारत” की आवश्यकता पर बल दिया। श्री सर्बानंद सोनोवालजी ने कहा कि हमें स्वस्थ,तनावविरहित जीवन शैली अपनाने और अपने समग्र स्वास्थ्य कि देखभाल के लिए योग अपनाने की आवश्यकता है। आयुष मंत्रालय के सचिव, डॉ. राजेश कोटेचाजी ने भी बेहतर और सुंदर स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए रणनीतिक साझेदारी और अभिनव मध्यवर्तन पर बल दिया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव, श्री इंदीवर पांडे ने आयुष के माध्यम से पारंपरिक उपचार पर बल दिया और उसकी सराहना की।

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“मिशन उत्कर्ष” इस कार्यक्रम के पोषण ट्रैकर के अंतर्गत, लगभग हमारे देश कि १०,००० आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण ट्रैकर के अंतर्गत पंजीकृत १४ - १८  आयु वर्ग की९४,000 से ज्यादा किशोरियों कोमिशन उत्कर्ष  इस कार्यक्रम की एक वर्ष की अवधि में लाभान्वित किया जाएगा। इस परियोजना का  समन्वय करने  वाली एजेंसी, केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) है। मिशन उत्कर्ष के इस कार्यक्रम में एनीमिक किशोरियों के स्वास्थ्य में , किशोरियों के जीवन में सुधार लाने हेतु उन्हें बेहतर  पोषण प्रदान करने के लिए 3  महीनों के लिए आयुर्वेद दवाएं ( पुनर्नवादि  और मंडूरद्राक्षावलेह) प्रदान की जाएंगी। मिशन उत्कर्ष इस योजना में शामिल किए गए जिलों में महाराष्ट्र राज्य ,असम, छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड  राज्यों के क्रमशः गढ़चिरौली , धुबरी, बस्तरधौलपुर , पश्चिम सिंहभूम शामिल हें।

मिशन उत्कर्ष इस परियोजना को दोनों केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित किया जा रहा है और पांच जिलों में केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, गुवाहाटी; अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली; सीएआरआई,नागपुरराष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान,भुवनेश्वर; क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, जयपुर द्वारा निष्पादित किया जाएगा, जबकि इस परियोजना के परिणामों का आकलन करके महत्वपूर्ण भूमिका पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया का आईआईपीएच, दिल्ली निभाएगा।

प्रोफेसर प्रो रबीनारायण आचार्य जो कि सीसीआरएएस के महानिदेशक है , उन्होंने “उत्कर्ष जिलों में आयुष हस्तक्षेप पर परिप्रेक्ष्य व संपूर्ण  स्वास्थ्य के लिए आयुष प्रणालियों की भूमिका ” इन विषय पर अपना भाषण दिया।  डॉ. पुष्पा चौधरीजी जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिनिधिहै ,उन्होंने “कल्याण को बढ़ावा देने के लिए आहार विविधता एवं स्थानीय आहार प्रथाओं के महत्व” विषय पर अपना भाषण दिया।  “पारंपरिक मध्यवर्तनों पर आनुभविक साक्ष्य एवं नैदानिक ​​​​परीक्षणों के लिए आयुष के साथ सहयोग” इस विषय पर आईसीएमआर के महानिदेशकडॉ. राजीव बहल ने अपना भाषण दिया। उन्होंने इस वक्त 9 प्रमुख संस्थानों में एनीमिया में आयुर्वेदिक मध्यवर्तन पर पहले से चल रही शोध परियोजना पर विस्तृत जानकारी सभी को प्रदान की, जिसमें एम्स नई दिल्ली, एम्स जोधपुर; एम्स भोपाल, एम्स बीबी नगर; आईसीएमआर-एनआईटीएम, बेलगावी; रिम्स, रांची; एमजीआईएमएस, वर्धा और केईएम अस्पताल, पुणे शामिल हैं। श्री डॉ. राजीव बहल ने पीसीओडी में योग पर शोध के उत्साहजनक परिणामों का भी यहा पर उल्लेख किया।

एमजी/एआर/एके/एजे प्रविष्टि तिथि: 26 FEB 2024 by PIB Delhi(रिलीज़ आईडी: 2009278) आगंतुक पटल : 113

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